द फॉलोअप डेस्क
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड HC में मनी लाउंड्रिंग मामले को लेकर आरोपी अफसरों और नेताओं के खिलाफ CBI जांच की मांग की याचिका दायर की है। इस याचिका में कहा गया है कि ED ने मनी लाउंड्रिंग जांच के दौरान मिले तथ्यों और सबूतों को PMLA की धारा-66(2) के तहत राज्य सरकार के साथ साझा किया था। लेकिन राज्य सरकार की ओर से आरोपी अफसरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं करायी गई। इसके बदले राज्य सरकार ने ED के अफसरों के विरूद्ध ही प्राथमिकी दर्ज करवाई। इसमें राज्य के विधि पदाधिकारी की भूमिका अहम रही। इस कारण ED ने राज्य सरकार के साथ जो सूचनाएं साझा की थीं, उसके आलोक में प्राथमिकी दर्ज कर जांच की जिम्मेदारी CBI को सौंपी जाये।
क्या कहा गया है याचिका में
ED द्वारा कोर्ट में दायर की गई याचिका में कहा गया है कि विजय मदन लाल चौधरी के मामले में सुप्रीम कोर्ट के दिये गये फैसले के आलोक में ईडी ने जो सूचनाएं साझा की हैं, उसके आधार पर संबंधित लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर जांच करना आवश्यक है। लेकिन राज्य सरकार ने इस मामले में प्राथमिकी दर्ज नहीं की।राज्य सरकार ने नहीं करवायी सूचना के आधार पर जांच
बता दें कि याचिका में बताया गया है कि ED ने PMLA की धारा-66(2) के तहत मनरेगा घोटाला, अवैध खनन, ग्रामीण विकास विभाग में भ्रष्टाचार, जमीन घोटाला, टेंडर घोटाला, लघु उद्योगों को कोल लिंकेज आवंटन में भ्रष्टाचार, बालू और शराब के अवैध कारोबार से संबंधित सूचनाएं राज्य सरकार के साथ साझा की थीं। लेकिन राज्य सरकार ने इस सूचना के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर जांच नहीं करायी। वहीं, इस दौरान ED ने राज्य सरकार के साथ राजस्व से जुड़े अधिकारी के घर से मिले दस्तावेज और उसमें की गयी छेड़छाड़ से संबंधित सूचनाएं भी साझा की थीं। इस मामले में सदर थाना में एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। लेकिन उसे भी IPC की धारा-120B जोड़ने के बाद पेन से काट दिया गया था।
ED ने बनाया मुख्य सचिव और DGP सहित कई को प्रतिवादी
ED बनाम राज्य सरकार के मामले में ED ने राज्य के मुख्य सचिव, DGP, ACB के DG और CBI को प्रतिवादी बनाया है। इस याचिका में ED ने PMLA की धारा-66(2) के तहत साझा की गयी सूचनाओं की कॉपी भी संलग्न की है। इसके साथ ही याचिका में पूजा सिंघल, बीरेंद्र राम, राजीव अरुण एक्का, छवि रंजन, संजीव लाल, विष्णु अग्रवाल, योगेंद्र तिवारी, आलमगीर आलम, पंकज मिश्रा सहित अन्य लोगों से जुड़े मामले शामिल हैं।
ED ने की CBI जांच की मांग
जानकारी हो कि उक्त मामले में राज्य के एक वरीय विधि पदाधिकारी द्वारा मनी लाउंड्रिंग के अभियुक्तों को मदद पहुंचाने की बात भी सामने आयी है। याचिका में ED ने न्यायालय से अनुरोध किया गया है कि इन सभी परिस्थितियों के ध्यान में रखते हुए CBI को प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने का आदेश दें।